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ध्यान

 

ध्यान 

रीढ़ की हड्डी सीधा रखें। सुखासन में बैठकर कपालभाति करें 5 मिनट। नाड़ीशेधन प्राणायाम क्ष्10 त्वनदकद्व पहले 5 त्वनदक करके शुरु करना चाहिए। बिना हाथ लगाए नाडीशोधन अंजली मुद्रा में। दोनों नासारंध्रों से श्वास लें तथा दोनों नासारंध्रों से श्वास निकालें 142द्व। भ्रामरी प्राणायाम 25 बार । ऊँेकार का वाचिक जाप 25 बार फिर लघु जाप फिर मौन जाप। ऊँेकार का ध्यान 5 या10 बार दोनों नासारंध्रों से श्वास भरकर।  4 व्अमत  ऊँेकार की ध्वनि सुनना। ईष्ट का ध्यान गुरु माता पिता  का चित्र का ध्यान। ज्योति ध्यान ( पीले रंग की ज्योति बनाएं )। शून्य का ध्यान (एक जीरो बनाकर ध्यान करें)  अपने सिर के कपाल के 10 आंगुल उपर। सहज ध्यान न ज्योति का ध्यान। दोनों भौवों के बीच ध्यान। पांच तत्वों का ध्यान आकाश ही महसुस करना। धरती का ध्यान महसुस करना, जल का ध्यान, हवा का ध्यान, अग्नि का ध्यान और ठंढ़ का ध्यान। तनमात्रओं का ध्यान, रस का ध्यान करना जैसे - आम , रसगुला। ज्ञानेन्द्रियों का ध्यान करना, चारों ओर सुगंध ही महसुस करना, तेज का ध्यान करना। सुर्य के प्रकाश का ध्यान करना। आकाश का ध्यान करना (आकाश गमन)। हमारा शरीर हवा में लटका हुआ है। हम आकाश में लटके हुए है। बादल का ध्यान करना। पवित्र स्थानों का ध्यान। आत्मामयी ध्यान शरीर से अलग, नीचे शरीर पड़ा हुआ है। सुक्ष्म शरीर से इधर उधर घुमना।  ऊर्जा मई ध्यान।

पीठ के बल लेट जाए। पूरे शरीर को त्मसंग करें। अपने मन की आंखों से पुरे शरीर को देख जाएं। श्वास आ रहा है श्वास जा रहा है। फिर अपने पैर से सिर तक के भागों को देखें। पहले दाएं तरफ के पैर का अंगुठा, पहली अंगुली, दुसरी अंगुली, तीसरी अंगुली, तीसरी अंगुली, चौथी अंगुली, तलवा, एड़ी, पिड़ली, जानु, घुटना, कमर तक के भाग को देख जाएं। पीठ, पे , हाथ, हाथों की अंगुलियों,कंघा, गर्दन, ठुडी, ओठ, दांत, जीभ, उपरी जबड़ा, निचली जबड़ा, गाल, नाक, कान, आंख, आंखों की पुतलियं, दोनों भौवों के बीच का भाग, ललाट, सिर को अपने मन की आंखों से देख जाएं फिर बाएं भाग को देख जाएं।

अपने सिर से 10 आंगुल उपर ध्यान करें ।

मन ही मन अपने शरीर को देखें कि मेरा शरीर रुई के समान हल्का होकर हवा में लटका हुआ है हम आकाश में लटके हुए हैं।

ैस्म्म्च् ैव्न्छक् -- गहरी नींद ।

डमकपजंजपवद  क्या है?

अपने ब्ीवपबम के अनुसार किसी वस्तु में अपने मन को पुरी तरह लगाने की स्थिति और लगातार बिना रुकावट के उसी चीज पर केन्द्रित ध्यान को बनाए रखने को जब तक की तीनों ध्यान, ध्याता और ध्येय एक न हो जाए। चिंतन (ज्ीवनही) तथा क्रिया (।बजपवद) के बीच सामंजस्य के साथ यह मानसिक तथा भावनात्मक शांति को उपर उठाने का चेतन प्रक्रिया है। यह मानव का सम्पुर्ण शारीरीक, मानसिक, बौद्विक, संवेदनात्मक तथा आध्यात्मिक विकाश है।

डमकपजंजपवद का लक्ष्य (ळवंस) क्या है?

विचारों के आवागमन को रोमना, निरविचार बनाना ध्यान है।

आध्यात्मिक (तात्विक  डमजंचीलेपबंस, स्वयं /खुद/अपना /अहम् का जानकारी पैदा करना तथा अपने मन को उपयोगी और कार्यपुर्ण चेतन तथा ध्यान (बवदबमदजतंजपवद)। हालाकि अंतिम लक्ष्य अंदर से पुर्ण शांति की स्थिति प्राप्त करना है।

डमकपजंजपवद के प्रभाव पर कुछ वैज्ञानिक त्मेमंतबी :---

                1- ऑक्सीजन की आवश्यकता मेे 50» की कमी।

                2- श्वसन दर में कमी ।

                3-  चर्म प्रतिरोधक में वृद्वि।

                4- स्क्त लैक्टेट के स्तर में गिरावट।

                5-  दमाके रेागियों में श्वास लेने में रुकावट में कमी ।

                6-  त्मबजवउ के कैंसर में कमी।

7-  फेफड़े के कैंसर के ैमबवदकंतल  मिमिबज में कमी ।

8-  सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम के क्रिया में कमी जैसा की ह्रदय दर (भ्त्)ए ठण्च्ण्ए में गिरावट से पता चलता है।

9- रक्त ब्ीवसमेजतवस के स्तर में कमी ।

10- मस्तिष्क (ठतंपद) तथा भ्मंतज के तरफ रक्त का पुर्नवितरण।

11-  तनाव पैदा करने वाले भ्ंतउवदम जैसे- कार्टिसोल (ब्वतजपेवस) तथा कैटेकोलामाइन (ब्ंजमबीवसंउपदम) के स्तर में कमी।

12-  बीटा इनडौरफिन  (ठमजं मदकवतबीपदमे )ए क्भ्म्। तथा डमकपजंजपवद के स्=वण निकलना में कमी।

13-  रोग प्रतिरेाधाक ेलेजमउ की क्रियाजिलता का बढ़ना, जागृतशीलता  तथा कुछ संवेदनशीलता को टालने की क्षमता, अल्फा आधिक्य में वृद्वि के कारण।

      डम्क्प्ज्।ज्प्व्छ का  फायदा (ठमदमपिजे):---

अच्छी एकाग्रता के लिए नियमित तथा बिना आवाज के दिमाग ।जजंपद(प्राप्त) करना। अंदर से या अंदरुनी शांति की स्थिति पैदा करना। अंदर से या अंदरुनी शांति की स्थिति पैदा करना आवंक्षित विचार (न्दूंदजमक ज्ीवनहीजे) तथा भावना (म्उवजपवद) को रोकना। शारिरीक तथा मानसिक तनाव तथा मानसिक उथल-पुथल (ब्वदसिपबजे) के स्तर को कम करना।

समेकित (प्दजमहतंजमक)ए च्तवकनबजपअम  तथा  खुशनुमा च्मतेवदंसपजल पैदा करना।शांति (ब्ंसउदमेे)एब्तमंजपअपजलए च्तवकनबजपअपजलए प्दअमदजपअमदमेेए प्दजनपजपअमदमेेए तथा  क्पेबतपउपदंजपवद (भेदभाव) बढ़ाना।

जीवन के प्रति धनात्मक दृष्टिकोण पैदा करना।

डमकपजंजपवद ज्ीने :----

घबराहट रोकता है।( च्तमअमदजे क्पेजतंबजपइपसपजल)

जानकारी बढ़ाता है ( म्गचंदके ूंंतमदमेे )

ब्तमंजपअम प्दजमसपहमदबम विकसित करता है।

परसेप्सन का ब्संतपजल सुधारता है।

थ्न्छब्ज्प्व्छै व्थ् ज्भ्म् च्त्म्थ्त्व्छज्।स् ।त्म्।ै:---

1- घबराहट रोकता है।(च्तमअमदजे क्पेजतंबजपइपसपजल)

2- सोंच का सिलसिला या अनुक्रम या क्रम (ैमुनमदबपदह वि जीवनहीजे)

3-  सेांच का विस्तार (म्संइवतंजपवद वि जीवनहीजे)

4-  च्तवहतवेजपबंजपवद

5-  भविष्य के लिए योजना बनना (ज्व च्संद वित जीम निजनतम )

6- अंदर आने वाले सेन्सरी सिग्नल को तैालना (ज्व ूमपही जीम पदबवउपदह ेमदेवतल ेपहदंसे)

7-  जटिल गणितिय वैधाानिक/ कानुनी या दार्शनिक समस्या को हल करना (ज्व् ेवसअम बवउचसपबेजमक उंजीमउंजपबंसे समहंस वत चीपसवेवचीपबंस चतवइसमउे)ण्

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