वात 1. गर्म और वसा प्रकृति वाले भोजन का सलाह दिया जाता है। मीठा, खट्ट्टा और नमकीन वस्तु ठीक है। हाथ द्वारा मालिश फायदेमंद है। ठंड़ा पानी, ठंडा पेय तथा ठंडी हवा का सेवन न करें। विभिन्न प्रकार के औषधि और एनीमा फायदेमंद हैं। स्नान के लिए गर्म पानी इस्तेमाल करें। मूंग का दाल खाना है। अपथ्य (परहेज) -- दालें मुंग के शिवाय, रुक्ष खुराक, चाय एवं गन्ने के रस का सेवन या गन्ने के रस से बनने वाले पदार्थ। पीत 1. नियमित रुप से घी लेना फायदेमंद है। प्रकृति का भोजन तथा मीठा, खट्ट्टा और ।ेजतपंदहमदज स्वाद का सलाह दिया जाता है। हल्का और ठंढ़ा सुगंध का सलाह दिया जाता है। ठंडे़ स्नान, नदी के किनारे आदि स्थानों पर रहने का सलाह दिया जाता है। आंवले, दुध, हरड़ से लाभ होता है। अपथ्य (परहेज) -- मिर्च मसाले, तेल और गरम पदार्थ, खटाई, चाय, तम्बाकु, मदिरा। कफ 1. तीखा जैसे - मिर्च, खट्ट्टा जैसे - करैला और स्वाद वाले भोजन का सलाह दिया जाता है। 2. शारीरीक व्यायाम जैसे - दौड़ना, कुदना, तैरना, तेल मालिश का सलाह दिया जाता है। ...