🚗 दो लाख किलोमीटर चली कार? कौन-कौन से पार्ट्स बदलना ज़रूरी?
जानें सही बात ताकि जेब पर भारी खर्चा न पड़े!
दोस्तों, सिर्फ इसलिए टेंशन मत लो कि आपकी कार 2 लाख किलोमीटर चल गई है, तो अब सारे पार्ट्स बदलने पड़ेंगे।
👉 किलोमीटर सिर्फ सर्विस तय करता है, पार्ट्स को नहीं!
पार्ट्स खराब होते हैं रखरखाव की कमी से, ना कि बस नंबर बढ़ने से।
अगर आप टाइम-टू-टाइम सर्विस करवाते हैं, फ्लूइड्स बदलते हैं, और छोटी-छोटी दिक्कतों को इग्नोर नहीं करते—
तो कभी भी आपको मोटा बिल नहीं देना पड़ेगा।
👉👉फिर भी, 2 लाख km के आसपास ये कुछ चीज़ें चेक करवा लेना अच्छा रहता है 👇
1. इंजन ऑयल और फ़िल्टर
हमेशा टाइम पर बदलें—इंजन लंबा चलेगा।
2. गियर ऑयल / डिफरेंशियल ऑयल!
बहुत लोग इसे भूल जाते हैं। ओवरऑल स्मूथनेस के लिए जरूरी। डिफ्रेंशल ऑयल हर चालीस हजार किलो मीटर चलने के बाद या चार साल बाद बदलना जरूरी है। गियर ऑयल जरूरत के हिसाब से बदला जाता है।
3. सस्पेंशन बश, लिंक रॉड, शॉक एब्ज़ॉर्बर!
खराब सड़कें इनकी लाइफ कम करती हैं। आवाज़ें आने लगे तो चेक करें।
4. क्लच प्लेट / प्रेशर प्लेट
ड्राइविंग स्टाइल पर पूरी लाइफ निर्भर है। स्लिप होने लगे तो बदलें।
5. टाईमिंग बेल्ट / चेन
बेल्ट वाली कारों में समय पर बदलना बेहद जरूरी।
6. व्हील बेयरिंग व ब्रेक पार्ट्स
ब्रेक डिस्क, पैड और बेयरिंग—सुरक्षा से सीधा जुड़ा है।
7. कूलेंट / रेडिएटर सर्विस
ओवरहीटिंग से इंजन बर्बाद हो सकता है। कूलिंग सिस्टम साफ रखें। समय शेड्यूल के हिसाब से कूलेंट बदले। दो ब्रांड के कूलेंट मिक्सड न करे।
👉 याद रखिए:
कार की लाइफ किलोमीटर से नहीं, आपके रखरखाव से तय होती है।
जितना ध्यान रखोगे, उतना पैसा बचेगा और कार उतना चलेगी।
Comments
Post a Comment