आपकी कार की चाबी के अंदर एक बहुत छोटी इलेक्ट्रॉनिक चिप छुपी होती है — इसे ‘इम्मोबिलाइज़र ट्रांसपोंडर चिप’ कहते हैं। बिना इस चिप के कार का इंजन कभी स्टार्ट ही नहीं होता। मतलब: ना डुप्लीकेट चाबी ना तार जोड़ना ना ब्रिजिंगकुछ भी काम नहीं करेगा।
🌟 यह कैसे काम करता है? 🔹 1. चाबी डालते ही कार और चाबी एक-दूसरे को पहचानते हैं कार पूछती है: “सही चाबी हो?”
🔹 2. चाबी का चिप एक यूनिक कोड भेजता है
यह कोड हर कार का अलग होता है।
🔹 3. कोड सही → ECU फ्यूल/इग्निशन चालू करता है
कार स्टार्ट होती है।
🔹 4. कोड गलत → कार इंजन को ब्लॉक कर देती है
स्टार्ट मोटर चलेगी लेकिन इंजन चालू नहीं होगा।🌟 यह चोरी कैसे असंभव बना देता है?
🔐 चाबी की नकल बनाना लगभग नामुमकिन
चिप क्लोन करने के लिए खास मशीन चाहिए।
🔐 तार जोड़कर स्टार्ट करना असंभव
पुराने जमाने वाली चोरी की तकनीक खत्म।
🔐 OBD पोर्ट से भी सीधे कोड नहीं बदले जा सकते
ECU तुरंत ब्लॉक कर देता है।
🌟 क्यों यह “छुपा हुआ राज” है? चिप दिखती नहीं चाबी खोलकर देखने पर भी नहीं दिखती (बहुत छोटी होती है) कंपनी इसे ज्यादा हाईलाइट नहीं करती
लोगों को लगता है “चाबी तो नॉर्मल है”
🌟 आपकी कार में कैसे पहचानें?
✔️ कार की चाबी मोटी हो, उसके अंदर चिप होती है
✔️ कार के डैश में “की” का चिन्ह जलता है
✔️ स्पेक्स में “Engine Immobilizer” लिखा होता है
मारुति, हुंडई, टाटा, महिंद्रा, टोयोटा लगभग हर नई कार में यह फीचर आता है।
🌟 सबसे खास बात अगर चाबी की चिप खराब हो जाए →
कार बिल्कुल स्टार्ट नहीं होगी, चाहे बैटरी नई क्यों न हो इसीलिए चाबी कभी पानी में न डुबोएं।
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