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अनार की खेती

 माहू

इस किस्म का रोग पौधों पर आक्रमण कर उन्हें हानि पहुँचाता है | यह कीट रोग पौधों के नाजुक अंगो पर आक्रमण कर उनका रस चूस लेता है | इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों का रंग काला पड़ जाता है, तथा कुछ समय पश्चात् ही पत्ती पूरी तरह से नष्ट होकर गिर जाती है | इसके साथ की पौधा विकास करना बंद कर देता है | अनार के पौधों को इस रोग से बचाने के लिए प्रोफेनोफॉस या डायमिथोएट की उचित मात्रा का छिड़काव किया जाता है | इसके अतिरिक्त यदि रोग का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है, तो इमिडाक्लोप्रिड की उचित मात्रा का छिड़काव पौधों पर करे |


अनार के फलो की तुड़ाई, पैदावार और कमाई (Pomegranate Fruit Harvesting yield and Benefits)

अनार की उन्नत किस्में 120 से 130 दिन पश्चात् पैदावार देना आरम्भ कर देती है | जब इसके फलो का रंग ऊपर से पीलापन लिए हुए लाल रंग का हो जाये, उस दौरान इसके फलो की तुड़ाई कर ली जाती है |


अनार के एक पेड़ से लगभग 15 से 20 KG की पैदावार प्राप्त हो जाती है | एक हेक्टेयर के खेत में तक़रीबन 600 से अधिक पेड़ो को लगाया जा सकता है | अनार के एक हेक्टेयर के खेत से 90 से 120 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है, जिससे किसान भाई अनार की एक बार की फसल से 5 से 6 लाख तक की कमाई आसानी से कर सकते है |


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