Skip to main content

डायबिटीज

 डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिजीज है जिसके लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है। इस बीमारी को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो दिल के रोगों, किडनी और लंग्स को नुकसान पहुंच सकता है। 

डायबिटीज दो तरह की होती है 

एक टाइप-1 डायबिटीज

दूसरी टाइप-2 डायबिटीज। 

टाइप-1 डायबिटीज जेनेटिक होती है जो बचपन में ही बच्चे को होती है 

जबकि टाइप-2 डायबिटीज लाइफस्टाइल और खानपान की खराबी से होने वाला डिजीज है।

दोनों तरह की डायबिटीज को हर उम्र में कंट्रोल करना जरूरी है।

 डायबिटीज का स्तर हर उम्र में मेटाबॉलिज्म, शारीरिक गतिविधि और हेल्थ इश्यू के कारण अलग-अलग होता है।

 खाना खाने के बाद कितना बढ़ जाता है ब्लड शुगर लेवल?

Normal Blood Suga Levels:

 डायबिटीज एक ऐसी समस्या है जो आज के समय में तेजी से फैल रही है. यह बुजुर्गों से लेकर जवान लोगों और बच्चों तक में हो रही है. आज डायबिटीज (Diabetes) का प्रमुख कारण हमारा खानपान और लाइफस्टाइल। हालांकि इसके सही समय पर पहचान और कंट्रोल से कई बड़े खतरों को रोका जा सकता है. डायबिटीज में हमें अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करनी होती है. खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल पर नजर रखना इस रोग की पहचान और इसे मैनेज करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. हम शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए हम डायबिटीज डाइट (Diabetes Diet) में शामिल करने वाली खाने पीने की चीजों का ध्यान रखते हैं,
नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल क्या है?
खून में ग्लूकोज की मात्रा को ब्लड शुगर लेवल कहते हैं. यह शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है और इसका लेवल दिनभर बदलता रहता है, लेकिन सामान्य रूप से एक हेल्दी व्यक्ति के लिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल इस प्रकार है:
खाली पेट (फास्टिंग): 70-100 mg/dL
खाने के बाद (Postprandial): 140 mg/dL से कम

खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल क्यों बढ़ता है?
जब हम खाना खाते हैं, तो हमारा शरीर भोजन को पचाकर ग्लूकोज में बदलता है. यह ग्लूकोज खून में जाता है और शरीर के अंगों को ऊर्जा प्रदान करता है।

हालांकि, अगर शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है. इसे हाइपरग्लाइसीमिया (Hyperglycemia) कहते हैं।
डायबिटीज की पहचान कैसे होती है?
डायबिटीज की पहचान के लिए डॉक्टर आमतौर पर कुछ ब्लड शुगर टेस्ट करवाते हैं. इनकी सामान्य रेंज इस प्रकार होती है:
खाली पेट ब्लड शुगर टेस्ट:
126 mg/dL या उससे ज्यादा हो तो यह डायबिटीज का संकेत है।
खाने के बाद ब्लड शुगर टेस्ट:
खाना खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर 200 mg/dL या उससे ज्यादा हो तो डायबिटीज मानी जाती है।
HbA1c टेस्ट:
यह टेस्ट पिछले 3 महीनों के औसत ब्लड शुगर का लेवल बताता है. अगर यह 6.5 प्रतिशत या उससे ज्यादा हो, तो डायबिटीज का संकेत है।
प्रीडायबिटीज क्या है?
डायबिटीज से पहले की स्थिति को प्रीडायबिटीज कहते हैं. इसमें ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा लेकिन डायबिटीज लेवल से कम होता है।
खाली पेट ब्लड शुगर: 100-125 mg/dL
खाने के बाद ब्लड शुगर: 140-199 mg/dL
प्रीडायबिटीज के मरीजों को समय रहते लाइफस्टाइल में सुधार और डाइट पर ध्यान देकर डायबिटीज से बचा जा सकता है.

खाना खाने के बाद ब्लड शुगर कंट्रोल में कैसे रखें
बैलेंस डाइट: फाइबर युक्त भोजन करें जैसे सब्जियां, फल, साबुत अनाज. हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स से बचें.
नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी एवम् योग और मेडिटेशन ।
ब्लड शुगर मॉनिटरिंग: नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच करें।
खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल हमारे स्वास्थ्य का एक बड़ा संकेत है. इसे नियमित रूप से मॉनिटर करने से डायबिटीज और उससे जुड़ी जटिलताओं को रोका जा सकता है।


Comments

Popular posts from this blog

सूक्ष्म व्यायाम, स्थूल व्यायाम

  सूक्ष्म व्यायाम                 उच्चारण स्थल तथा विशुद्व चक्र की शुद्वी   (ज्ीतवंज ंदक अवपबम)-- सामने देखते हुए श्वास प्रश्वास करना है। प्रार्थना - बुद्वी तथा घृति शक्ति विकासक क्रिया (उपदक ंदक ूपसस चवूमत कमअमसवचउमदज) - शिखामंडल में देखते हुए श्वास प्रश्वास की क्रिया करना है। स्मरण शक्ति विकासक (उमउवतल कमअमसवचउमदज) - डेढ़ गज की दुरी पर देखते हुए श्वास प्रश्वास की क्रिया करें। मेघा शक्ति विकासक(प्दजमससमबज कमअमसवचउमदज) - ठुढ़ीे कंठ कुप से लगाकर ग्रीवा के पीछे गढ़ीले स्थान पर ध्यान रखकर श्वास प्रश्वास करें। नेत्र शक्ति विकासक (मलम ेपहीज) - दोनों नेत्रें से भ्रूमध्य उपर आशमान की तरफ देखें। कपोल शक्ति विकासक(बीमबा तमरनअमदंजपवद) -   मुख को कौए की चोंच की भाती बनाकर वेग से श्वास अंदर खीचें। ठुढ़ी को कंठ-कुप से लगाकर नेत्र बंद करके कुंभक करें। कर्ण शक्ति विकासक (भ्मंतपदह चवूमत कमअमसवचउमदज) - इसमें नेत्र , कान , नाक , मुख बंद करते हुए पुनः मुख को कौए की चोंच के समान बनाकर वायु खींचकर गाल फुलाक...

स्वरोदय ज्ञान

  स्वरोदय ज्ञान   श्वास लेन और छोड़ने को स्वरोदय ज्ञान कहते हैं। सम्पूर्ण योग शास्त्र , पुराण , वेद आदि सब स्वरोदय ज्ञान के अन्तर्गत आते हैं। ये स्वरोदय शास्त्र सम्पूर्ण शास्त्रें में श्रेष्ठ हैं और आत्मरूपी घट को प्रकाशित दीपक की ज्योति के समान है। शरीर पांच तत्वों से बना है और पांच तत्व ही सूक्ष्म रूप से विद्यमान है। शरीर में ही स्वरों की उत्पति होती है जिसके ज्ञान से भूत , भविष्य , वर्तमान तीनों कालों का ज्ञान होता है। इस ज्ञान को जान लेने के बाद ऐसी अनेकानेक सिद्वियां आ जाती है साधक इसकी सहायता से अपने शरीर (आत्मा) को स्वास्थ्य एवं शसक्त बना सकता है। स्वरोदय दो शब्दों   के मेल से बना है। स्वर $ उदय = स्वरोदय। स्वर शब्द का अर्थ है निः श्वास एवं प्रश्वास अर्थात् श्वास लेना और छोड़ना। और उदय शब्द का तात्पर्य   है कि इस समय कौन सा स्वर चल रहा है और ज्ञान शब्द का अर्थ है जानकारी से है कि किस समय किस स्वर से शुभ एवं अशुभ कार्य किए जाए। जो फलीभुत हो। अर्थात् हम कह सकते हैं कि स्वरोदय ज्ञान वह विज्ञान है जिसे जानकर साधक अपनी शुभ और अशुभ कार्य करने में सफल होता है...

पुदीने

 पुदीने के तेल का प्रयोग -  डायरिया, सूजन, कब्ज और अत्यधिक गैस सहित इरिटेबल बाउल सिंड्रोम आईबीएस के लक्षणों में सुधार कर सकता है। पुदीने में एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो आपके बृहदान्त्र को अनैच्छिक मांसपेशी संकुचन होने से रोकता है, जो पेट में दर्द में योगदान कर सकते हैं। जर्नल ऑफ क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में 2014 में प्रकाशित एक समीक्षा में, आईबीएस से पीड़ित लोग जो पेपरमिंट ऑयल लेते थे, उन्होंने उन लोगों की तुलना में अपने लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार देखा, जो इस तेल का प्रयोग नहीं करते थे। पेट में गैस न बने इस समस्या से बचने के लिए आप बाजार में बिकने वाले पुदीना के कैप्सूल भी खरीद सकते हैं और अपने भोजन को खाने के लिए बैठने से लगभग एक घंटे पहले इनका सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से ऐसा करने पर आपके पेट में गैस बनने की समस्या खत्म हो जाएगी।  इसे भी पढ़ेंः पेट के दर्द को हर बार एसिडिटी से न जोड़े, जानें गैस के अलावा पेट दर्द के 5 बड़े कारण अप्लाई हीट कुछ अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि हीटिंग पैड का उपयोग करने से अत्यधिक गैस के कारण पेट में दर्द से राहत मिल सकती...