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योगाश्रम

                    

          योगाश्रम


Yoga at own home, hotel, office in Delhi.  
Disease Treatment in yoga, power yoga, meditation & pranayam. 
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आप कई बिमारियो से ग्रस्त हो, जैसे शूगर,   हाई B P, कमर से ऐडी तक दर्द, जमीन मे बैठ नहीं सकते, चलने फिरने मे तकलीफ। तो  दवा खा रहे हो,  फिर भी ठीक नहीं हो रहा है तो संपर्क करें।
 योगा, प्राणायाम, मेडिटेशन आदि करके सभी बीमारियों को जड़ से खत्म करना है तो अपने घर पर योगा करने के लिए संपर्क करें। सभी तरह की पुराने बीमारियों को ठीक कराने के लिए संपर्क करे। 

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सूक्ष्म व्यायाम, स्थूल व्यायाम

  सूक्ष्म व्यायाम                 उच्चारण स्थल तथा विशुद्व चक्र की शुद्वी   (ज्ीतवंज ंदक अवपबम)-- सामने देखते हुए श्वास प्रश्वास करना है। प्रार्थना - बुद्वी तथा घृति शक्ति विकासक क्रिया (उपदक ंदक ूपसस चवूमत कमअमसवचउमदज) - शिखामंडल में देखते हुए श्वास प्रश्वास की क्रिया करना है। स्मरण शक्ति विकासक (उमउवतल कमअमसवचउमदज) - डेढ़ गज की दुरी पर देखते हुए श्वास प्रश्वास की क्रिया करें। मेघा शक्ति विकासक(प्दजमससमबज कमअमसवचउमदज) - ठुढ़ीे कंठ कुप से लगाकर ग्रीवा के पीछे गढ़ीले स्थान पर ध्यान रखकर श्वास प्रश्वास करें। नेत्र शक्ति विकासक (मलम ेपहीज) - दोनों नेत्रें से भ्रूमध्य उपर आशमान की तरफ देखें। कपोल शक्ति विकासक(बीमबा तमरनअमदंजपवद) -   मुख को कौए की चोंच की भाती बनाकर वेग से श्वास अंदर खीचें। ठुढ़ी को कंठ-कुप से लगाकर नेत्र बंद करके कुंभक करें। कर्ण शक्ति विकासक (भ्मंतपदह चवूमत कमअमसवचउमदज) - इसमें नेत्र , कान , नाक , मुख बंद करते हुए पुनः मुख को कौए की चोंच के समान बनाकर वायु खींचकर गाल फुलाक...

स्वरोदय ज्ञान

  स्वरोदय ज्ञान   श्वास लेन और छोड़ने को स्वरोदय ज्ञान कहते हैं। सम्पूर्ण योग शास्त्र , पुराण , वेद आदि सब स्वरोदय ज्ञान के अन्तर्गत आते हैं। ये स्वरोदय शास्त्र सम्पूर्ण शास्त्रें में श्रेष्ठ हैं और आत्मरूपी घट को प्रकाशित दीपक की ज्योति के समान है। शरीर पांच तत्वों से बना है और पांच तत्व ही सूक्ष्म रूप से विद्यमान है। शरीर में ही स्वरों की उत्पति होती है जिसके ज्ञान से भूत , भविष्य , वर्तमान तीनों कालों का ज्ञान होता है। इस ज्ञान को जान लेने के बाद ऐसी अनेकानेक सिद्वियां आ जाती है साधक इसकी सहायता से अपने शरीर (आत्मा) को स्वास्थ्य एवं शसक्त बना सकता है। स्वरोदय दो शब्दों   के मेल से बना है। स्वर $ उदय = स्वरोदय। स्वर शब्द का अर्थ है निः श्वास एवं प्रश्वास अर्थात् श्वास लेना और छोड़ना। और उदय शब्द का तात्पर्य   है कि इस समय कौन सा स्वर चल रहा है और ज्ञान शब्द का अर्थ है जानकारी से है कि किस समय किस स्वर से शुभ एवं अशुभ कार्य किए जाए। जो फलीभुत हो। अर्थात् हम कह सकते हैं कि स्वरोदय ज्ञान वह विज्ञान है जिसे जानकर साधक अपनी शुभ और अशुभ कार्य करने में सफल होता है...

पुदीने

 पुदीने के तेल का प्रयोग -  डायरिया, सूजन, कब्ज और अत्यधिक गैस सहित इरिटेबल बाउल सिंड्रोम आईबीएस के लक्षणों में सुधार कर सकता है। पुदीने में एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो आपके बृहदान्त्र को अनैच्छिक मांसपेशी संकुचन होने से रोकता है, जो पेट में दर्द में योगदान कर सकते हैं। जर्नल ऑफ क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में 2014 में प्रकाशित एक समीक्षा में, आईबीएस से पीड़ित लोग जो पेपरमिंट ऑयल लेते थे, उन्होंने उन लोगों की तुलना में अपने लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार देखा, जो इस तेल का प्रयोग नहीं करते थे। पेट में गैस न बने इस समस्या से बचने के लिए आप बाजार में बिकने वाले पुदीना के कैप्सूल भी खरीद सकते हैं और अपने भोजन को खाने के लिए बैठने से लगभग एक घंटे पहले इनका सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से ऐसा करने पर आपके पेट में गैस बनने की समस्या खत्म हो जाएगी।  इसे भी पढ़ेंः पेट के दर्द को हर बार एसिडिटी से न जोड़े, जानें गैस के अलावा पेट दर्द के 5 बड़े कारण अप्लाई हीट कुछ अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि हीटिंग पैड का उपयोग करने से अत्यधिक गैस के कारण पेट में दर्द से राहत मिल सकती...