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कार के अंदर जो हेडलाइट लेवल एडजस्ट करने का तरीका

 कार के अंदर जो हेडलाइट लेवल एडजस्टर (Headlight Level Adjuster Button/Knob) होता है, उसका काम समझना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इसका सीधा असर आपकी और सामने आने वाले ड्राइवर की सेफ़्टी पर पड़ता है।हेडलाइट एडजस्टर क्या है? यह एक छोटा रोटरी नॉब/बटन होता है, जो आमतौर पर डैशबोर्ड के लेफ़्ट साइड या स्टीयरिंग के पास दिया होता है। इसके नंबर 0, 1, 2, 3 (कुछ कारों में 4 तक) लिखे रहते हैं। इससे आप हेडलाइट की बीम (रोशनी का कोण) ऊपर या नीचे कर सकते हैं। ⚙️ इसका काम क्या है? जब कार में कम लोग या कम सामान होता है → गाड़ी का लेवल सीधा रहता है, तो हेडलाइट 0 पोज़िशन पर सही रहती है। लेकिन जब पीछे ज़्यादा लोग बैठ जाते हैं या डिक्की में सामान भर जाता है → गाड़ी का पिछला हिस्सा दब जाता है और आगे का हिस्सा ऊपर उठ जाता है। 👉 ऐसे में हेडलाइट की रोशनी भी ऊपर चली जाती है और सामने आने वाले ड्राइवर की आंखों में सीधी पड़ती है। इस स्थिति में आप एडजस्टर का नंबर बदलकर हेडलाइट की रोशनी को नीचे झुकाते हैं, ताकि रोशनी सड़क पर गिरे, किसी की आंखों पर नहीं। 📊 नंबर कब सेट करना है? (सवारी और सामान के हिसाब से) सामान्य गाइडला...
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गाडी मे ब्रेक लगाने का सही तरीका

 1. गाड़ी नॉर्मल स्पीड पर है (40–80 km/h) कैसे: सिर्फ ब्रेक दबाओ।     क्यों: इस स्पीड पर इंजन आराम से चल रहा है, क्लच दबाने से गाड़ी फ्री-रोल करेगी और ब्रेकिंग पावर कम हो जाएगी।     उदाहरण: आप 60 की स्पीड से जा रहे हैं, सामने ट्रैफिक धीरे-धीरे दिखा → बस ब्रेक दबाओ, क्लच मत दबाओ। 2. गाड़ी स्लो होने लगी (20 km/h से कम)     कैसे: ब्रेक लगाते-लगाते जब स्पीड बहुत कम हो जाए, तब क्लच दबाओ।     क्यों: कम स्पीड पर गियर और इंजन मैच नहीं करेंगे, गाड़ी झटके से बंद हो जाएगी।    उदाहरण: रेड सिग्नल पर रुक रहे हो, स्पीड 15 पर आ गई → अब ब्रेक के साथ क्लच दबाकर गाड़ी रोक लो। 3. गाड़ी पूरी तरह रोकनी है     कैसे: पहले ब्रेक दबाओ, आखिर में क्लच दबाओ।     क्यों: अगर पहले क्लच दबा दिया तो गाड़ी रोल करेगी और ज्यादा दूरी में रुकेगी।     उदाहरण: दुकान पर गाड़ी रोकनी है → ब्रेक से धीरे-धीरे स्लो करो, रुकने से ठीक पहले क्लच दबाओ। 4. इमरजेंसी ब्रेकिंग (अचानक जानवर/गाड़ी सामने आ जाए)     कैसे: ब्रेक और क्लच दोनों साथ दबाओ।...

घाटियों (slopes) पर ड्राइविंग सबसे मुश्किल चीज़ होती है, खासकर जब पीछे कोई गाड़ी खड़ी हो

 घाटियों (slopes) पर ड्राइविंग सबसे मुश्किल चीज़ होती है, खासकर जब पीछे कोई गाड़ी खड़ी हो। इसे Hill Start या Hill Hold कहते हैं। अगर कार में Hill Hold Assist (HHA) फीचर नहीं है, तो मैनुअल ड्राइविंग स्किल से संभालना पड़ता है। 1. हैंडब्रेक टेक्निक (सबसे आसान और सुरक्षित) गाड़ी को रोकने के बाद हैंडब्रेक खींचकर लॉक कर दें। क्लच पूरा दबाएँ और 1st गियर लगाएँ। धीरे-धीरे क्लच आधा छोड़ें जब तक गाड़ी "थोड़ा-सा आगे बढ़ने का झटका" न दे। अब धीरे से एक्सिलरेटर दबाएँ और उसी समय हैंडब्रेक छोड़ दें। गाड़ी बिना पीछे गए आसानी से आगे निकल जाएगी। 2. Heel-Toe टेक्निक (प्रैक्टिस के लिए) दाहिने पैर का आगे का हिस्सा ब्रेक पर रखें और एड़ी (heel) से एक्सिलरेटर दबाएँ। बाएँ पैर से क्लच छोड़ते जाएँ। जैसे ही गाड़ी में पिकअप महसूस हो, ब्रेक से पैर हटाकर पूरा एक्सिलरेटर दें। 👉 यह टेक्निक थोड़ी मुश्किल है, लेकिन हैंडब्रेक से बेहतर कंट्रोल के लिए ड्राइवर इसका इस्तेमाल करते हैं। 3. अगर ट्रैफिक में बार-बार रुकना पड़े हर बार रुकते ही हैंडब्रेक लगाएँ। गाड़ी पीछे जाने का डर खत्म हो जाएगा। ट्रैफिक आगे बढ़ते ही हैंड...

रिपेलेंट स्प्रे बना सकते हैं और काम भी अच्छा करता है।

 घर पर भी आप ऐसा रिपेलेंट स्प्रे बना सकते हैं और काम भी अच्छा करता है। घर पर बनाने का तरीका  सामग्री: लाल मिर्च पाउडर (चिल्ली पाउडर) – 2 चम्मच काली मिर्च पाउडर – 1 चम्मच लहसुन की 4–5 कलियाँ (कुचली हुई) पानी – 500 ml थोड़ा सा नीम का तेल (5–10 बूंद) या सरसों का तेल (optional, असर और बढ़ेगा) बनाने की विधि: 1. पानी को हल्का गर्म करें। 2. उसमें लाल मिर्च, काली मिर्च और लहसुन डालकर 10–15 मिनट तक उबालें। 3. ठंडा होने पर छान लें और स्प्रे बोतल में भर लें। 4. चाहें तो इसमें कुछ बूंदें नीम का तेल/सरसों का तेल डाल दें ताकि गंध ज्यादा टिके। इस्तेमाल: कार के बोनट के अंदर और वायरिंग के आसपास हल्का स्प्रे कर दीजिए। 2–3 हफ्ते बाद दोबारा करें।  इसमें Capsaicin (लाल मिर्च का तीखा तत्व) और Sulphur (लहसुन) होते हैं, जिनकी गंध और जलन चूहे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाते और वायरिंग से दूर रहते हैं। ध्यान दें: सीधे वायरिंग या इलेक्ट्रिकल कनेक्शन पर बहुत गीला करके न डालें। बस हल्का-सा स्प्रे करें 

कार से लंबी यात्रा (400–1000 km जैसी) पर निकलने से पहले कार को 5 मिनट खड़े-खड़े चेक करना बहुत ज़रूरी है।

 कार से लंबी यात्रा (400–1000 km जैसी) पर निकलने से पहले कार को 5 मिनट खड़े-खड़े चेक करना बहुत ज़रूरी है। इसे “प्री-ड्राइव चेकअप” कहते हैं। 🚗 लंबी यात्रा से पहले 5 मिनट चेकलिस्ट इंजन ऑयल लेवल – डिपस्टिक से देखें (कम है तो टॉप-अप कराएं)। कूलेंट लेवल – रिज़र्व टैंक में “MIN–MAX” मार्क के बीच होना चाहिए। ब्रेक फ्लूड – MIN से ऊपर होना चाहिए वॉशर फ्लूड – लंबी यात्रा में विंडस्क्रीन क्लीनिंग जरूरी है। ⛽ 2. फ्यूल और बैटरी फ्यूल लेवल – रास्ते में पंप न मिले तो दिक्कत होगी, इसलिए कम से कम आधा टैंक। बैटरी हेल्थ – टर्मिनल ढीले या जंग लगे न हों, इग्निशन पर बैटरी वार्निंग लाइट ज्यादा देर तक जलती न रहे 🛞 3. टायर टायर प्रेशर – सभी टायर + स्पेयर (स्टेपनी) चेक करें। ट्रेड और कट्स – किसी में क्रैक, कील या बबल तो नहीं 💡 4. लाइट्स और इलेक्ट्रिकल्स हेडलाइट, इंडिकेटर, ब्रेक लाइट, रिवर्स लाइट – सब टेस्ट करें। हॉर्न और वाइपर – सही काम कर रहे हों। 🔒 5. सेफ्टी और टूल्स जैक, व्हील स्पैनर, टॉर्च, फर्स्ट एड, फायर एक्सटिंग्विशर – गाड़ी में रखें। RC, DL, PUC, इंश्योरेंस – डॉक्यूमेंट्स चेक करें। 🎒 6. केबिन औ...

गाड़ी हमेशा हैंडब्रेक के साथ खड़ा करें, और स्टार्ट करते समय क्लच दबाकर ही करे

 बहुत से लोग कन्फ्यूज रहते हैं कि कार को पार्किंग के समय गियर में खड़ा करें या न्यूट्रल + हैंडब्रेक और पार्किंग  1. कार को गियर लगाकर खड़ा करना कैसे करते हैं – इंजन बंद करने के बाद गाड़ी को 1st गियर या Reverse गियर में डालकर खड़ा कर देते हैं। क्यों करते हैं – गियर लॉक करने से गाड़ी के टायर जाम हो जाते हैं और वह आगे–पीछे रोल नहीं करती। 2. फायदे (गियर लगाकर खड़ी करने के) ✅ 1. ढलान पर सुरक्षा – अगर हैंडब्रेक फेल हो जाए, तो गाड़ी आगे या पीछे नहीं लुड़ेगी क्योंकि गियर लॉक हो जाता है। 2. अतिरिक्त सेफ्टी – हैंडब्रेक के साथ गियर डलने से डबल लॉक जैसा काम करता है। 3. लंबे समय तक खड़ी करने में उपयोगी – अगर कार कई दिन पार्किंग में खड़ी करनी हो तो सिर्फ हैंडब्रेक पर रखने से ब्रेक शू जाम हो सकते हैं, इसलिए गियर में खड़ी करना बेहतर  3. नुकसान (गियर लगाकर खड़ी करने के)  1. इंजन पर हल्का दबाव – लंबे समय तक गियर में कार खड़ी करने से इंजन और गियरबॉक्स पर थोड़ा स्ट्रेस आ सकता है। 2. स्टार्ट करते समय झटका – अगर भूलवश क्लच दबाए बिना स्टार्ट कर दिया तो कार झटके से आगे बढ़ सकती है, एक्सीडें...

पहली सर्विस में कंपनी वाले ज़्यादातर निरीक्षण और बेसिक टॉर्क टाइटनिंग करते हैं, बड़े रिपेयर नहीं। आमतौर पर वे ये करते हैं:

 पहली सर्विस में कंपनी वाले ज़्यादातर निरीक्षण और बेसिक टॉर्क टाइटनिंग करते हैं, बड़े रिपेयर नहीं। आमतौर पर वे ये करते हैं: कंपनी की फ्री पहली सर्विस में शामिल काम 1. इंजन ऑयल और ऑयल फ़िल्टर बदलना (कुछ ब्रांड पहली सर्विस में नहीं बदलते, मैनुअल चेक करें)। 2. एयर फ़िल्टर सफाई। 3. सभी नट-बोल्ट, सस्पेंशन, दरवाज़ों के हिंग, आदि टॉर्क चेक। 4. ब्रेक सिस्टम, टायर प्रेशर, व्हील अलाइन्मेंट का चेक। 5. इलेक्ट्रिकल सिस्टम (लाइट, हॉर्न, वाइपर) चेक। 6. इंजन स्कैनर से OBD फॉल्ट कोड जांच। आपको जो अलग से कहना चाहिए (फ्री में करवाने के लिए): टायर रोटेशन और बैलेंसिंग (अगर पॉलिसी में है तो चार्ज नहीं होगा) सभी डोर लॉक और हिंज पर लुब्रिकेशन बैटरी टर्मिनल की सफाई सॉफ्टवेयर अपडेट (ECU/इंफोटेनमेंट) वाइपर ब्लेड और वॉशर जेट सेटिंग चेक सभी रबर पार्ट (बेल्ट, होज़) की विजुअल चेक