गाड़ी की सर्विस में बिना वजह पार्ट बदलना, बेकार के चार्ज जोड़ देना और “स्टैंडर्ड सर्विस” के नाम पर लंबा बिल बना देना — यह सब इसलिए होता है क्योंकि हम कार की बेसिक जाँच नहीं करते
😳गाड़ी की सर्विस में बिना वजह पार्ट बदलना, बेकार के चार्ज जोड़ देना और “स्टैंडर्ड सर्विस” के नाम पर लंबा बिल बना देना — यह सब इसलिए होता है क्योंकि हम कार की बेसिक जाँच नहीं करते। नीचे आसान भाषा में पूरी डीटेल दी है, बिना कोई bold या star के, ताकि आप सीधे कॉपी-पेस्ट कर सको।
1. इंजन ऑयल
इंजन बंद और ठंडा होने पर dipstick निकालो, पोंछो और दोबारा डालकर level देखो। लेवल बीच वाली marking में होना चाहिए। रंग हल्का भूरा सामान्य है। बहुत काला या जलने जैसी गंध हो तो बदलवा लो। दूधिया या फोमी दिखे तो बड़ी समस्या हो सकती है, confirm कराओ। अगर level ठीक है तो पूरा ऑयल बदलने की बात मत मानो।
2. एयर फिल्टर
फिल्टर निकालकर रोशनी में देखो। हल्की धूल परफेक्टली सामान्य है। अगर filter black, oily या बिल्कुल जाम लगे तो बदलो। बस धूल होने पर नया लेने की जरूरत नहीं। पूरा एयर बॉक्स बदलने की बात को तुरंत मना कर दो।
3. केबिन फिल्टर
AC कमजोर चले या बदबू आए, तब चेक करो। साफ हो तो दोबारा लगाओ, जाम या मोल्ड हो तो ही बदलो। इससे AC की सर्विस में unnecessary charges से बचोगे।
4. ब्रेक पैड
बिना टायर उतारे भी caliper के पीछे से pad की thickness दिख जाती है। कम से कम 3–4 mm होना चाहिए। उससे कम हो तो बदल दो। मैकेनिक अगर rotor बदलने की बात करे, पहले फोटो में पैड दिखाने को बोलो।
5. कूलेंट
engine cold पर ही चेक करो। overflow टैंक में level minimum और maximum के बीच होना चाहिए। रंग manufacturer वाला ही होना चाहिए (green, pink, orange)। काला, जंग लगा या तेल जैसा लगे तो leak या बड़ी दिक्कत हो सकती है—पहले जांच कराओ।
6. बैटरी
टर्मिनल पर जमा white/green powder साफ करो। मल्टीमीटर से voltage चेक करो: engine बंद पर लगभग 12.4–12.8V; engine चालू पर 13.7–14.7V. इससे मालूम पड़ेगा बैटरी सही चार्ज हो रही है या नहीं। सिर्फ white deposit देखकर बैटरी बदलने की बात मत मानना।
7. सर्विस से पहले की 2 मिनट रूटीन
oil dipstick, coolant tank level, battery terminals, tyre pressure – ये रोज़ या सर्विस से पहले चेक कर लो। बिल में आधा फालतू खर्च खुद ही खत्म हो जाता है।
8. Additional बचत वाली ट्रिक
सर्विस से पहले mobile से हर चीज़ की फोटो/वीडियो ले लो – oil level, filters, pads, coolant, battery. बिल आते समय photo दिखाओ, mechanic immediate unnecessary items हटाता है।
OBD2 scanner (सस्ता मिलता है) से fault code खुद देख लो। इससे “big repair urgent” वाली बातों की असलियत पता चल जाती है।
पार्ट की actual market price Google पर पहले ही देख लो।
9. मैकेनिक से क्या पूछना है
कौन सा पार्ट बदला और क्यों?
पुराना पार्ट दिखाओ।
कितनी warranty है?
टेस्ट ड्राइव कराके समझाओ कि problem ठीक हुई या नहीं।
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