कार के अंदर जो हेडलाइट लेवल एडजस्टर (Headlight Level Adjuster Button/Knob) होता है, उसका काम समझना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इसका सीधा असर आपकी और सामने आने वाले ड्राइवर की सेफ़्टी पर पड़ता है।हेडलाइट एडजस्टर क्या है?
यह एक छोटा रोटरी नॉब/बटन होता है, जो आमतौर पर डैशबोर्ड के लेफ़्ट साइड या स्टीयरिंग के पास दिया होता है।
इसके नंबर 0, 1, 2, 3 (कुछ कारों में 4 तक) लिखे रहते हैं।
इससे आप हेडलाइट की बीम (रोशनी का कोण) ऊपर या नीचे कर सकते हैं।
⚙️ इसका काम क्या है?
जब कार में कम लोग या कम सामान होता है → गाड़ी का लेवल सीधा रहता है, तो हेडलाइट 0 पोज़िशन पर सही रहती है।
लेकिन जब पीछे ज़्यादा लोग बैठ जाते हैं या डिक्की में सामान भर जाता है → गाड़ी का पिछला हिस्सा दब जाता है और आगे का हिस्सा ऊपर उठ जाता है।
👉 ऐसे में हेडलाइट की रोशनी भी ऊपर चली जाती है और सामने आने वाले ड्राइवर की आंखों में सीधी पड़ती है।
इस स्थिति में आप एडजस्टर का नंबर बदलकर हेडलाइट की रोशनी को नीचे झुकाते हैं, ताकि रोशनी सड़क पर गिरे, किसी की आंखों पर नहीं।
📊 नंबर कब सेट करना है? (सवारी और सामान के हिसाब से)
सामान्य गाइडलाइन (ज्यादातर कारों में यही लागू होती है):
0 (Zero):
ड्राइवर अकेला हो या साथ में सिर्फ़ 1 पैसेंजर हो।
1 (One):
कार में 3–4 लोग बैठे हों (ज्यादातर फ्रंट और पीछे हल्की सवारी)।
2 (Two):
कार फुल पैसेंजर (4–5 लोग) के साथ हो।
3 (Three):
कार फुल पैसेंजर + डिक्की में भारी सामान हो।
✅ ध्यान रखने वाली बातें
1. हमेशा रात में हेडलाइट एडजस्टमेंट सही रखें, वरना सामने वाले को चकाचौंध लगेगी और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ेगा।
2. 0 पोज़िशन सबसे ऊपर की बीम होती है, और जैसे-जैसे नंबर बढ़ाते हैं, बीम नीचे झुकती जाती है।
3. हाईवे पर या लंबी दूरी की ड्राइविंग में, अगर कार में ज़्यादा लोड है तो हमेशा 2 या 3 पर सेट करें।
4. शहर में, जब ट्रैफ़िक ज़्यादा हो और आपकी कार में सवारी कम हो, तब 0 या 1 पोज़िशन पर रखना सही रहता है।
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