1. व्हील बैलेंसिंग के लिए:
जब गाड़ी के टायर और रिम को फिट किया जाता है, तो उनका वजन हर जगह एक जैसा नहीं होता। इससे व्हील घूमते वक्त वाइब्रेशन होने लगता है। उस असंतुलन को ठीक करने के लिए बैलेंस वेट लगाया जाता है।
2. गाड़ी की स्टेबिलिटी के लिए:
अगर वेट नहीं लगाए जाएं, तो हाई स्पीड पर गाड़ी हिलने लगती है, स्टीयरिंग में कंपन आता है और टायर जल्दी घिस जाते हैं।
3. यह कहां लगाया जाता है:
ये वेट आमतौर पर व्हील के अंदर या किनारे पर ग्लू या क्लिप से चिपकाया जाता है।
निष्कर्ष:
छोटा दिखने वाला यह वेट गाड़ी की स्मूद ड्राइविंग और टायर की लाइफ के लिए बेहद जरूरी होता है।
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